कल से मैंने अपने ब्लॉग पर लोगों की आवाजाही जानने के लिए feed jit की मुफ्त सेवा ली है. जब से इस सुविधा को अपने ब्लॉग पर लगाया है तब से मैं लगातार देख रहा हूँ की आने वाले अधिकांश लोगों का ध्यान मेरी दो पुरानी पोस्टों पर ही है. एक है " साईं बाबा के चमत्कार " और दूसरी है " कुछ अश्लील (नॉन वेज ) चुटकले".
अपने ब्लॉग पर आने वाले लोगों की रूचि को देख कर मुझे लग रहा है की यहाँ की दुनिया मोटे तौर पर दो समूहों में विभाजित है. एक समूह अध्यात्म में रूचि रखने वाले लोगों का है और दूसरा अश्लीलता या सेक्स में रूचि रखता है. (इन समूहों से छिटके हुए लोग या तो ब्लोग्गेर्स हैं या फिर शायद खुद को ठीक से पहचान नहीं पाए हैं) .
मोटे तौर पर देखा जाय तो अध्यात्मिक व्यक्ति इस दुनिया की उत्पत्ति कहाँ से हुई या कैसे हुई इस बात में रूचि रखता है और सेक्स पर ध्यान केन्द्रित करने वाला उसकी खुद की उत्पत्ति कहाँ से हुई या कैसे हुई इस बात में रूचि रखता हैं. कहीं न कहीं दोनों का ध्यान उस पैदा करने वाले पर ही है.
मुझे बेहद दुख है की मैं दोनों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता हूँ. जो लोग साई के चमत्कारों की तलाश में हैं उन्हें मेरी सोच पर हँसी आती होगी और ऐसा ही हाल मेरे ब्लॉग पर अश्लीलता तलाशने वालों का भी होता होगा.
मैं तहे दिल से इन लोगों से क्षमा प्रार्थना करता हूँ और प्रण लेता हूँ की अपनी आने वाली किसी भी पोस्ट का शीर्षक कभी भी बरगलाने वाला नहीं रखूँगा. अब से हमेशा "सीधी बात नो बकवास".
धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष.
जवाब देंहटाएंबढ़िया है.....शुभकामनायें आपके भविष्य के लिए :-)
जवाब देंहटाएंचमत्कार वाली पोस्ट भी अभी पढ़ते हैं और चुटकुलों वाली भी... पहले क्यों नहीं बताया ;)
जवाब देंहटाएंमैने ये पढ़ा----"भई मैं स्पष्ट कर दूँ की यदि आप मेरे द्वारा आपके ब्लॉग पर की गयी किसी टिपण्णी का उधार चुकता करने की गरज से इधर आये हैं तो रहने ही दें मैं इतना सीरियस ब्लॉगर नहीं की बही खाता लेकर टिप्पणियों का लेखा जोखा करता फिरूँ.
जवाब देंहटाएंहाँ मन में आयी बात को यदि आप यथावत बिना लाग लपेट के कहना ही चाहते हैं तो स्पष्ट कहें क्योंकि मैं लोगों के मन में छिपी बातों को नहीं पढ़ पाता."
चुटकुले वाली पोस्ट का लिंक देने के लिए आभार ;)
जवाब देंहटाएंगोलीबाज हो पक्के:) चुटकुलों वाली पर तो हम कई बार जा आये कि शायद मंगलवार बीत गया हो लेकिन ..:))
जवाब देंहटाएंपहले भी एक बार कहा था कि सीरियस ब्लॉगिंग नहीं करूँगा, फ़िर कहाँ माने थे?
हम तो चेले हैं भाई तुम्हारे, जो करोगे झेलेंगे।
अभी कल ही आपने एक पोस्ट लिखी थी ? इत्ती जल्दी दूसरी मेरी तरह ?
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया फ़ीडजिट को दें, कि वह बैठा बैठा स्टिंग ऑपरेशन कर रहा है ।
वैसे मैं शर्तिया कह सकता हूँ कि आप सीरियस ब्लॉगर हैं, आने जाने वालों और पढ़े गये पोस्टों पर नज़र जो रख रहे हैं !
आपके बताये अनुसार मैं अश्लील चुटकुले पढ़ने के बाद साँई बाबा के चमत्कार अवश्य पढूँगा.... मैं भेड़चाल से अलग थोड़े ही हूँ !
हल्के हक्ले से बड़ी बात कह गये। कहते हैं कि सनसनीखेज चलता है, चलता क्या दौड़ता है। लोग वही देख के दौड़ते आते हैं। उन्हें निराश करने का पूरा यत्न बना लिया :)
जवाब देंहटाएंबात चली है तो बता देती हूँ अभी तो याद नहीं है की आप की कौन सी पोस्ट मै देख कर आप के ब्लॉग पर आई थी किन्तु वो पोस्ट पढ़ने के बाद आप के विचार शून्य होने का कारण पढ़ा और प्रभावित हुई उस समय ब्लॉग में बिलकुल नई थी धर्म को लेकर और नारी के विरोध में लिखी जा रही बाते पढ़ पढ़ कर माथा ठनका होता था और आँखे फटी रह जाती थी आप के ब्लॉग की वो पोस्ट अच्छी लगी फिर पिछली एक दो पोस्ट भी पढ़ी जिसमे टिपण्णी ज्यादा कैसे पाए के तरीके भी थे सब मजेदार लगा हा था तभी मेरी नजर आप के चुटकुले वाली पोस्ट के शीषर्क पर पड़ी फिर लगा हिंदी ब्लॉग में बस इसी की कमी थी लो जी ये भी पूरी हो गई और हद है पाठक बुलाने के लिए शीषर्क भी क्या खूब दिया है बाकि पोस्टो की तरह उसे भी खोला और पोस्ट साथ की टिप्पणिया पढ़ कर बहुत हंसी, उसी दिन समझ गई की आप भी मेरी तरह सीरियस ब्लोगर नहीं है और आपकी फलोवर बन गई |
जवाब देंहटाएंसाईं सम्मान मिलने पर बधाई !
जवाब देंहटाएंhttp://girijeshrao.blogspot.com/2011/05/saturday-at-1240pm-girijesh-rao-poke.html
अब अगर मैं आपकी दी हुई लिंक पर जाऊं तो आप अपनी पिछली पोस्ट के आलोक में , मेरे बारे में अपनी धारणायें तो नहीं बदलने लग जायेंगे ? :)
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
जवाब देंहटाएंमगर आज कल एक तीसरी श्रेणी के लोग बड़े तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं जो की सब कुछ करके भी ब्लॉग्गिंग कर लेते हैं...
गहरी बात कह दी आपने। नज़र आती हुये पर भी यकीं नहीं आता।
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