आदरणीय राहुल बाबा,
कांग्रेसी संस्कृति का अनुसरण करते हुए मैं तुमको साष्टांग दंडवत प्रणाम करता हूँ।
तुम्हारी और मेरी बराबरी कभी नहीं हो सकती है।
तुम अर्श पर हो तो मैं फर्श पर हूँ।
तुम एक महारानी के बेटे और में एक मजदुर का बेटा।
हम दोनों पैदा तो इस दिल्ली मैं ही हुए पर तुम जब अपने नन्हे कदम दुनिया नापने के लिए आगे बढ़ा रहे थे तब मैंने इस दुनिया में कदम रखा। ( अरे सीधे बोल बोलूं तो मैं तुमसे डेढ़ साल छोटा हूँ।)
तुम पढने देहरादून के पहाड़ों में गए और मेरे माँ बाप तो पहाड़ों को छोड़कर ही तो दिल्ली आये थे अतः मैं यही पढ़ा तुर्कमान गेट के ऍम सी डी प्राइमरी स्कूल में।
उच्च शिक्षा हेतु तुम बहुत दूर गए (अरे भाई सात समुन्दर पार ऑक्सफोर्ड में ) पर तब तक तो मैं पढाई से बहुत दूर हो गया था ।
तुम अख़बारों की सुर्ख़ियों में छाये रहे और उन्ही अख़बारों को मैं बेचता रहा।
तुम आज भी तरोताजा हो, एकदम युवा हो , कुवारे हो और मुझे अपना कोमार्य अपनी पत्नी को सोपें हुए एक दशक बीत गया है।
तुम अभी भी बच्चे हो और मैं दो बच्चो का बाप बन बुढ़ा गया हूँ।
मैं कभी भी तुम्हारी बराबरी नहीं कर पता अगर मेरे प्रिय भतीजे ने यह कारनामा ना कर दिखाया होता। पिछले वर्ष ही उसकी शादी हुई है और अब शुभ समाचार आया है की वो बाप और मैं बाबा बन जाऊंगा।
तो राहुल बाबा तुम तो बचपन से ही बाबा थे पर मुझे तो अब मौका मिलेगा बाबा कहलाने का। चलो शब्दों में ही सही कहीं तो तुमसे बराबरी की।
kaafi mazedaar.
जवाब देंहटाएंMazedar lekin ek kara vyang liye hue!
जवाब देंहटाएंmast hai bhai...
जवाब देंहटाएंkunwar ji,
@ "राहुल बाबा तुम तो बचपन से ही बाबा थे"
जवाब देंहटाएंक्या पता अब तक, जैविक रूप से भी बाबा बन गए हो तो????????????????
मजे ले गए हो, मित्र इस बाबा के
बहुत ही सटीक। बधाई।
जवाब देंहटाएंक्यों खिंचाई कर रहे हो राहुल बाबा की पहले ही काफी बाबा खिंच चुके हैं यहाँ तो.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया भाई.
जियो प्यारे, हमारी तरफ़ से ऎडवांस में बधाई।
जवाब देंहटाएंऔर कहां मुकाबला कर रहे हो यार, तुम्हारा मन करे तो सड़क पर खड़े होकर दोस्तों के साथ जोर से हंस तो सकते हो, ये कर के दिखायें।
हर जगह एस.पी.जी. वाले घेरे रहते हैं। मुझे तो लगता है कि कभी बेचारों को लू में भी ज्यादा टाईम लग जाता होगा तो हड़कंप मच जाता होगा।
रश्क नहीं करने का किसी से, ईश्वर ने हमें जो दिया, उसके लिये धन्यवाद दो।
लिखा बहुत रोचक तरीके से, बधाई।
koi kavita likh sakte ho.. jo thi naa maa muj ko bhi chaadar de de me gandhi ban jaau type..
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