प्रकृति अपने जीवों की सुरक्षा के लिए तमाम तरह के अजब गजब उपाय करती है. इस विषय में आज मुझे एक नया अनुभव हुआ. मैंने गमले में मीठी नीम (या कड़ी पत्ता या फिर आप बताएं ये की ये क्या है ) का पौंधा लगाया हुआ है. इस मीठी नीम मे आजकल बौर आया हुआ है जिसकी सुगंध मेरी छत पर फैली रहती है. सुबह जब मैं इसे पानी दे रहा था तो कुछ पत्तों पर मुझे चिड़िया की बीट लगी दिखाई दी. मैंने सोचा चलो इसे पानी से धो दिया जाय पर पानी के तेज छीटे मरने के बावजूद वो बीट धुली नहीं. ध्यान से देखा तो पाया की ये बीट नहीं बल्कि चिड़िया की बीट का रूप धारण किये छोटी छोटी इल्लियाँ हैं. इन इल्लियों ने मेरे पौंधे की बहुत सारी पत्तियां भी चबा दी हैं. अब मैं परेशान हूँ की इन इल्लियों को हटा दूँ या प्रकृति के कार्य में दखलंदाजी न करके इन इल्लियों को मेरे गमले में लगे पौधें की पत्तियों पर पलने बढ़ने दूँ.
|
मेरे पौंधे में आया बौर ( यूँ गुच्छे में आये फूल मुझे बौर ही लगते हैं) |
|
और ये देखे चिड़िया की बीट |
|
अरे नहीं ये चिड़िया की बीट नहीं ये तो कुछ और है. |
|
अब क्या करूँ ? |
|
चलो हटो जाने दो. |
मीठा नीम बचाना है तो इल्लियाँ हटाइए
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनाएं.
नीरज
प्रकृति में सब कुछ एक दूसरे पर निर्भर है। किसी की मौत दूसरे की जिन्दगी है। पौधे को बचाना चाहते हैं तो इल्लियां हटानी पडेंगीं।
जवाब देंहटाएंघर में कीटनाशक जैसे हिट, बेग़ॉन स्प्रे या मच्छर मार दवाई छिडकना, ऑल आऊट, कछुआ छाप
प्रकृति के कार्य में दखलअंदाजी नहीं है क्या?
प्रणाम
आप क्या खुद को प्रकृति से ऊपर समझते हैं ?
जवाब देंहटाएंअगर आप हटा देंगे तो भी प्रकृति ही कर रही है , नहीं हटायेंगे तो भी वही
भाई साहब , आप एक पौधे की बात से इतने परेशान है, ये कम्वक्त छद्मवेशधारी पूरा देश चबा गए , हमने साठ सालों से प्रकृति का ही खेल समझ इन्हें नहीं हटाया :)
जवाब देंहटाएंनीम पर इल्लियों का हमला नहीं होता लेकिन मीठे नीम पर होता है। इसलिए इन्हें आक्रमणकारी मानते हुए इनके समूल नाश का विचार करना चाहिए। नहीं तो आपके घर और बगीचे की खुश्बू समाप्त हो जाएगी। आक्रमणकारी को भी प्रकृति पर ही छोड़ देने से प्रकृति का नियम ही फलीभूत होगा – survival of the fittest. फिर आप जैसे मीठे लोगों की कोई जगह नहीं रहेगी।
जवाब देंहटाएंप्रकृति में सब कुछ एक दूसरे पर निर्भर है। किसी की मौत दूसरे की जिन्दगी है। पौधे को बचाना चाहते हैं तो इल्लियां हटानी पडेंगीं। धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंइल्लियों के आस-पास थोड़ी हल्दी छिड़क दीजिये, पत्तियों पर गौमूत्र का छिडकाव कीजिये ............ स्वानुभूत प्रयोग है
जवाब देंहटाएंहाथ पर हाथ रखकर बैठने से तो काम नहीं चलेगा बन्धु, कुछ तो करना ही चाहिये।
जवाब देंहटाएंपहले पता कीजिये की वास्तव में ये इल्लिया पौधो को नुकसान पहुंचाएंगी तभी उन्हें हटाइये |
जवाब देंहटाएंइन्हें हटाना ही श्रेयस्कर है... लेकिन कीटनाशक देसी होना चाहिये..
जवाब देंहटाएंSundar tasveeren!
जवाब देंहटाएंHolee bahut mubarak ho!
वैसे तो अब तक आप कुछ ना कुछ कर ही चुके होंगें :)
जवाब देंहटाएंफिर भी करुणा मार्ग पर चलते हुए सलाह ये है कि उसे उस पत्ते सहित अपने घर से बाहर किसी ऐसी हरी भरी जगह में छोड़ आइये जिसे नष्ट करना उचित लगता हो ,मसलन बेशरम / गाज़र घास वगैरह वगैरह :)
इसके बाद वो छद्म वेश धारी भले ही उक्त वनस्पति का बाल भी बांका ना कर सके या काल कवलित हो जाये , कम से कम आपपे अपराध बोध नहीं रहेगा :)
बहरहाल रंगपर्व की अशेष शुभकामनायें !