शनिवार, 12 जून 2010

टिप्पणी बॉक्स की माया.

मैं जब गाँव जा रहा था तब मैंने अपने ब्लॉग की सेटिंग्स से कुछ छेड़खानी कर दी थी. ये छेड़खानी शब्द ही मुझे अनुकूल नहीं बैठता. जब भी किसी से छेड़खानी की तो पकड़ा गया और मार खायी. ब्लॉग में की गयी छेड़खानी असल में छेड़खानी ना होकर सिर्फ fingering थी. (fingering शब्द को हिंदी में ही समझिएगा). तो जनाब इस fingering का खामियाजा भी भुगतना पड़ा.

मेरी दोनों पोस्ट टिप्पणी बिना एक विधवा की मांग की तरह सूनी पड़ी रही. (डायलोग कैसा लगा?)

मुझे मालूम नहीं की अब आगे क्या होगा पर टिपण्णी की माया पर विचार करने  का एक मौका मुझे भी मिला है. ये टिप्पणिया जो हमें अपने लेख लिखने के बाद मिलती हैं इन्हें हमें किस रूप में लेना चाहिए? क्यां इन्हें अपने लेखन का प्रसाद मानना चाहिए या अपनी पोस्ट की संताने. इन्हें क्या समझे?  कहते हैं की प्रसाद तो उतना ही होता है जो सिर्फ गले तक जाये पर टिप्पणिया तो पेट भर जाने के बाद भी मिलती रहें तो भी हम ना नहीं कहते. और अगर इन्हें संताने समझे तो आधुनिकता कहती है की संताने दो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और अगर किसी लेख पर सिर्फ दो टिप्पणिया मिले तो मेरे जैसा पुरुष तो आत्महत्या ही कर ले. ( सिर्फ दो टिप्पणियों से अपना पौरुष  दिखाने का मौका कहाँ मिलेगा).

चलो चलने दो जैसा भी है.

टिप्पणियों के आभाव में बहुत से लेख अपना दम और लेखक अपनी कलम तोड़ देते हैं. मैंने बहुत से ब्लॉग लेखकों को टिपण्णी ना मिलाने का रोना रोते देखा है. तब मुझे लगता था की इस टिपण्णी बॉक्स को ही हटा दो तो ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी पर अब थोडा गहराई से सोचा तो ध्यान आया की जब मैं खुद किसी का लेख पढता हूँ और उस पर प्रतिक्रिया  देना  चाहता हूँ तो उस वक्त अगर टिपण्णी बॉक्स ना मिले तो कैसा लगेगा. बुरा लगेगा ना ! ये जो टिपण्णी बॉक्स है ये ब्लॉग लेखक और उसके पाठक के बीच संवाद का एक जरिया है. ये संवाद ख़त्म नहीं होना चाहिए. मेरे सारे ब्लॉग मित्र इसी टिपण्णी बॉक्स की देन हैं.

तो अब मैं दोनों हाथ जोड़कर टिपण्णी बॉक्स से प्रार्थना करता हूँ की हे टिपण्णी बॉक्स इस लेख के साथ तुम वापस आ जाओ. मैं अब आगे से कोई छेड़खानी या fingering नहीं करूँगा.

कान पकड़ता हूँ.  मान जाओ यार.

22 टिप्‍पणियां:

  1. थारी दर्खास्त मन्ज़ूर हो ली जी. जे लो पह्ली टिप्पणी.

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  2. देर आमद पर दुरुस्त आमद !
    मैंने आपको एक ईमेल भी किया था इसी विषय पर! पर उतर नहीं मिला ! चलिए आज समस्या का समाधान ही हो गया!

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  3. आपकी गाँव यात्रा के चित्र देखे .................बहुत ही बढ़िया है सब के सब ! बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  4. विचारणीय प्रस्तुती ,दरअसल सार्थक और विषय वस्तु को और ज्यादा परिभाषित करती टिप्पणियां बहुत ही महत्वपूर्ण है ना सिर्फ ब्लॉग लेखक के लिए बल्कि सभी पढने वाले ब्लोगरों के लिए भी ...

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  5. बहुत बधाई .. किसी पोस्‍ट में टिप्‍पणी नहीं आए .. तो अपने विचारों के प्रति विश्‍वास डिग जाता है !!

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  6. आईये जानें .... क्या हम मन के गुलाम हैं!

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  7. gaavan kee sair sundar lagi....chitay ka mandir ...great !!nostalgic

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  8. Haan..pahle ke do post par mai comment nahi kar payi thi..!
    Duhan ki maang me sindoor bhar gaya.

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  9. डायलोग और पोस्ट दोनों अच्छे लगे .....
    धन्यवाद

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  10. एक डायलोग मेरा भी गौर फरमाएं
    कैसे रहे मकान मालिक रेंट के बिना ???
    तड़पता रहे ब्लोगर कमेन्ट के बिना.....
    कैसे जले लट्टू करेंट के बिना ????
    दिमाग काम नहीं करता कमेन्ट के बिना ....

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  11. वाह रे ब्लोग की दुनिया। चमत्कार है। फ़िन्गरिन्ग वही करते हैं जो इस कला मे माहिर हैं। पता नही क्या मिलता है उन्हे। चलिये आपका टिप्पणी वाला सन्दूक आ गया। अभी तो हमारे सन्दूक का ठिकाना ही नही है।

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  12. बन्धु, परेशान तो हम भी हो गये थे, लगा था कि ये भी चढ़ गए टंकी पर जो टिप्पणी बाक्स हटा दिया है। मेल भी किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। फ़िर सोचा कि नाराज हैं जनाब कुछ।
    भैया फ़िंगरिंग से ऐसा भी मत डरो, सबक मिलता है कुछ न कुछ।
    और ये अच्छा किया तुमने कि हमें न्यौता देकर खुद चले गये पहाड़ पर।
    मुलाकात नहीं हो पाई तुमसे।
    स्वागत है दोबारा से।

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  13. टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी टिप्पणी
    yeh lo टिप्पणी

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  14. good to have a post where i can mark my presence !!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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  15. मै तो समझा था की गाँव जाने के बाद पीछे से पोस्टों पे उलट-सुलट टिपण्णी आने और उनपर कोई बबाल ना खड़ा हो जाये, इसलिए आप खुद ही ये बांस उखाड़ गए होंगे.

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  16. बाकि आपके स्वर्गवास काल की स्मृतियाँ इस कदर लुभा रही है की, सदा के लिए स्वर्गवासी बनने की इच्छा हो रही है.

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    उत्तर
    1. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

      हटाएं
  17. "Bikhare Sitare' blog pe aapka ek sawaal: Kya yah sachmuch kee jeevan hai?
    ji,yah kahani nahi hai,jeevani hai!
    Gar aap iski ekdam shuruati kadiyan dekhen,to mukhy kirdaar,Pooja,tatha,uske pariwar ki chand tsveeren bhi hain.

    जवाब देंहटाएं
  18. http://www.fnur.bu.edu.eg/
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/departements
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/medical-surgical
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/community-health
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/nursing-administration
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/mother-health-obstetrics
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/mental-health
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/pediation-nursing
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/dean-word
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/tip
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/vision-mission
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/goals
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/faculty-administration
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/previous-deans
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/t-magies-faculty
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/faculty-deps
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/index.php/about-faculty/degrees-offered
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/images/news/haykal%20tanzim11i.jpg
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/images/news/maaeer%20eetemad01_Page_1.jpg
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/images/news/kheta%20maaeer.pdf
    http://www.fnur.bu.edu.eg/fnur/images/news/khta%20edaria.pdf

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