छिद्रान्वेषी टिप्पणीकर्ता ध्यान दें, स्कूटर के नीचे वाला गहरी नींद में सोया एक आम प्राणी ही है. ब्लॉगर तो वही हो सकता है जिसे ये लगे कि उसने ही आसमान को थामा हुआ है वर्ना ये कभी भी भरभरा के गिर जायेगा और ध्यान दें ब्लॉगर कैसे अपनी आबरू ढांके रहते हैं. तिनके कि ओट में...... :)
अली साहब आपने सारी बातें खुलवा ही दीं. ये कपोत नहीं पंचम दा के पलट दास हैं. इस कबूतर का बिलकुल असली बलुगा भगत रूप अगली पोस्ट में प्रस्तुत करूँगा. और ये "पंच" " बसंत पंच मी" वाला पंच ही है :)
बहुत सस्पेंस बना दिया यार, अगली पोस्ट तक धक धक होती रहेगी हम जैसे कईयों को। लेकिन उम्मीद है, इंडिया टी.वी. के पदचिन्हों पर नहीं चलोगे, ’पंच’ का खुलासा कर ही डालोगे। चिट्ठाजगत शायद रूठ गया है, लक्षण बदलना चाहो तो बदल सकते हो:)
लागू करेंगे जी ब्लॉग जीवन में.........
जवाब देंहटाएंशुरवात आपसे :)
बढिया ........दिलचस्प...
हा हा हा ब्लॉग सूक्ति
जवाब देंहटाएंछिद्रान्वेषी टिप्पणीकर्ताओं को एक ब्लागर स्कूटी के चक्के के नीचे भी दिख रहा है :)
जवाब देंहटाएंदिलचस्प...
जवाब देंहटाएंलागू करेंगे जी ब्लॉग जीवन में.........
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है !
जवाब देंहटाएंछिद्रान्वेषी टिप्पणीकर्ताओं को एक ब्लागर स्कूटी के चक्के के नीचे भी दिख रहा है :)
जवाब देंहटाएं......... इस पोस्ट पर मेरा असली कमेन्ट तो अगला वाला है
एक गाना हो जाये
जवाब देंहटाएंअँधेरी रातों में...सुनसान राहों पर...एक मसीहा निकलता है...जिसे लोग शहंशाह कहते हैं
राहों = ब्लोग्स
मसीहा = कमेन्ट देने वाला
शहंशाह = समर्पित ब्लोगर
अरे हाँ , मैं तो पूछना ही भूल गया .....ये ब्लोगर हैं कहाँ के , लोकेशन तो पता चले इनकी :)
छिद्रान्वेषी टिप्पणीकर्ता ध्यान दें, स्कूटर के नीचे वाला गहरी नींद में सोया एक आम प्राणी ही है. ब्लॉगर तो वही हो सकता है जिसे ये लगे कि उसने ही आसमान को थामा हुआ है वर्ना ये कभी भी भरभरा के गिर जायेगा और ध्यान दें ब्लॉगर कैसे अपनी आबरू ढांके रहते हैं. तिनके कि ओट में...... :)
जवाब देंहटाएंमतलब ये कि वो दोनों नार्मल और ये बड़का ब्ला... :)
जवाब देंहटाएंएक बात जो कहना भूल गए कि कबूतर जो एक टांग पर अँखियाँ फेरे खडा है वो भी निचले वालों पर चिंतन कर रहा है शायद :)
और आपकी पोस्ट के टाइटल में से 'पंच'का मतलब हम '५' नहीं समझ रहे हैं ये 'वो वाला पंच' हैं ना ? :)
अली साहब आपने सारी बातें खुलवा ही दीं. ये कपोत नहीं पंचम दा के पलट दास हैं. इस कबूतर का बिलकुल असली बलुगा भगत रूप अगली पोस्ट में प्रस्तुत करूँगा. और ये "पंच" " बसंत पंच मी" वाला पंच ही है :)
जवाब देंहटाएंअच्छा है कई लोगों को बॉक्सिंग का पंच नहीं लगा!!
जवाब देंहटाएंwah ji wah............kya khoob kahi
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात विचार शून्य जी ,
जवाब देंहटाएंलो सुबह सुबह एक टिप्पणी , तुम भी क्या याद रखोगे और यह पोस्ट भी ! यह लछ्छन ठीक नज़र नहीं आ रहे :-))
बहुत सस्पेंस बना दिया यार, अगली पोस्ट तक धक धक होती रहेगी हम जैसे कईयों को। लेकिन उम्मीद है, इंडिया टी.वी. के पदचिन्हों पर नहीं चलोगे, ’पंच’ का खुलासा कर ही डालोगे।
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत शायद रूठ गया है, लक्षण बदलना चाहो तो बदल सकते हो:)
विचार शून्य जी
जवाब देंहटाएंशून्य के आगे लगाओ
शून्य के अतिरिक्त एक
दस नंबरी हो जाए
कारनामे तो आपके
अब दस नंबरी ही हैं
.
जवाब देंहटाएं.
.
@ मित्र गौरव,
सही पकड़ा...
स्कूटी के नीचे वाला ही असली ब्लॉगर है...
वो गीली-गीली जमीन देखो...
उसी की करामात है...
यह साफ-साफ सीमेंट के फर्श पर भी फूल उगाने का प्रयास है!
... ;)
oh !!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंरोचक ---
जवाब देंहटाएंkhud ko sote hue maine pahle baar dekha hai khud hi.....kyaa mudraa hai meri.....vaah.....vaah.... are kyaa naam thaa mera.....???
जवाब देंहटाएंचलो यह लक्षण भी सही हैं ...धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ब्लॉगर तो वही हो सकता है जिसे ये लगे कि उसने ही आसमान को थामा हुआ है
जवाब देंहटाएं@यह साफ-साफ सीमेंट के फर्श पर भी फूल उगाने का प्रयास है!
मित्र प्रवीण , पाण्डेय जी
अब मुझे फिर से विज्ञापन याद आ रहा है [थोड़ा सा बदलाव किया है]
मान गए !
किसे ?
आपके पार की नजर और vichaar sifar दोनों को
[Sifar is an Urdu and Hindi word meaning "zero"]
हिंदी ब्लॉगर पंच = हिन्दी ब्लॉग का सरपंच?
जवाब देंहटाएंमानना पड़ेगा भाई आपको क्या बात है
जवाब देंहटाएं