tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post8584265676520018164..comments2023-10-31T18:36:02.752+05:30Comments on विचार शून्य: डेंगू क्या सच में एक बीमारी है?VICHAAR SHOONYAhttp://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-19487560135374567302010-11-16T21:58:07.936+05:302010-11-16T21:58:07.936+05:30डॉक्टर दिव्या ने अच्छी जानकारी दी है...आज कल कुछ ए...डॉक्टर दिव्या ने अच्छी जानकारी दी है...आज कल कुछ एंटीवायरल भी दिए जाते है | और मरीज की गंभीर हालत में कई प्रकार के सिम्प्तोमेतिक इलाज भी दिया जाता है.. क्यूंकि में संव्यम भुग्तभोगी हूँ | और यूं समझिये कि ये मेरा दुसरा जन्म है - क्योंकि इंटरनल <br />ब्लीडिंग से मल्टिपल ओर्गेन फैलीयोर हो गया था .. किसी भी बीमारी का समय रहते इलाज हो जाना चाहिए ..ना कि गंभीर होने पर ..अगर गंभीरावस्था में मरीज की जान को ना बचाया जा सका तो आप क्या कहियेगा - मरीज और अटेंडेंट की गलती या डाक्टर की गलती...डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-46374794608831014452010-10-29T15:53:34.900+05:302010-10-29T15:53:34.900+05:30.
डेंगू बुखार , डेंगू- वाइरस से होता है जो एडीज न....<br /><br />डेंगू बुखार , डेंगू- वाइरस से होता है जो एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इसके मुख्य लक्षण हैं - त्वचा में रैशेज़ , तेज़ बुखार, [७ दिन], पेट में दर्द , मितली आना, भूख न लगना , सर में दर्द, जोड़ों में तीव्र दर्द [इसे हड्डी-तोड़ बुखार ]- 'breakbone fever' भी कहते हैं।<br /><br />इस रोग में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है । प्लेटलेट्स में उपस्थित प्रोटीन रक्त में थक्का जमाने का कार्य करते हैं। अतः प्लेटलेट्स की कमी होने के कारण खून जमने की प्रक्रिया न होने से बहुत रक्तस्राव हो जाता है। यह रक्तस्राव आँख, नाक, कान, आँख तथा त्वचा से भी हो सकता है। <br /><br />शरीर से फ्लुइड लॉस तथा रक्तस्राव अधिक हो जाने के कारण, रक्त चाप बहुत कम हो जाता है , जिसके कारण डेंगू-शौक -सिंड्रोम होता है तथा मरीज की मृत्यु होने की संभावना होती है।<br /><br />इसकी जांच तथा डैगनोसिस बनने में ४८ घंटे लग जाते हैं, तथा तकरीबन दो-हज़ार रूपए लगते हैं ।<br /><br />इससे बचने के लिए अभी तक कोई सुरक्षित वैक्सीन नहीं बनी है लेकिन वैज्ञानिक प्रयासरत हैं इस दिशा में ।<br /><br />उपचार-- <br /><br />१- Oral re-hydration <br />२- Platelet transfusion. [when platelet count drops below 20,000].<br />३- Avoid Aspirin and NSAID<br />4- Paracetamol can be taken to check fever.<br />5- Hospitalization for intravenous fluid supplementation. <br /><br />Do not take this disease lightly.<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-29665452633176063522010-10-23T13:46:37.403+05:302010-10-23T13:46:37.403+05:30बीमारी के नाम पर अस्पतालों की कमाई तो चलती ही रहती...बीमारी के नाम पर अस्पतालों की कमाई तो चलती ही रहती है, फिर चाहे वो बीमारी कोई सी भी हो।<br />..............<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">यौन शोषण : सिर्फ पुरूष दोषी?</a> <br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या मल्लिका शेरावत की 'हिस्स' पर रोक लगनी चाहिए? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-73061220170157360732010-10-23T10:06:54.535+05:302010-10-23T10:06:54.535+05:30हम तो ये सोच कर आये थे कि आपने आलेख मे कोई फाइनल व...हम तो ये सोच कर आये थे कि आपने आलेख मे कोई फाइनल वर्डिक्ट दे ही दिया होगा पर यहाँ तो मामला सवाल पर अटका दिया आपने ! डेंगू एक जानलेवा बीमारी है कि नहीं पता नहीं पर बीमारियों का इलाज करने वालों की मनोव्रत्ति ज़रुर लाइलाज बीमारी लगी ...सरकारी अस्पताल की अलग और प्राइवेट की अलग !<br /><br />वैसे जब जान पे बन आये तो पैसे बचाकर क्या करना ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-41211942462478437512010-10-23T06:30:12.726+05:302010-10-23T06:30:12.726+05:30डेंगू एक बीमारी है , इसमें कोई शंका नहीं . इस...डेंगू एक बीमारी है , इसमें कोई शंका नहीं . इसका इलाज भी वक़्त और द्रव्य , फलों से १० दिन मैं अक्सर हो जाया करता है. मैंने सुना है प्लेटलेट्स संख्या २०००० से कम होने पे चिंता की बात हुआ करती है हाँ डॉ के नुर्सिंग होम, यह भी एक व्यवसाय है..क्या किया जाए. धन कमाने के नए नए रास्ते. वैसे ९०% डेंगू जान लेवा नहीं हुआ करता.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-40867622887350735142010-10-23T00:34:42.801+05:302010-10-23T00:34:42.801+05:30मेरा कमेंट पोस्ट से अलग संदर्भ में दिखे, तब भी झे...मेरा कमेंट पोस्ट से अलग संदर्भ में दिखे, तब भी झेल लेना।<br />एन.डी.ए. सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने पाठ्यक्रम में मंत्रोच्चार विधि द्वारा रोगोपचार का कोर्स शुरू करवाने का फ़ैसला लिया था। समाज के प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और दूसरे धड़ों द्वारा इसका विरोध किया ही जाना था, विरोध हुआ। डी.एम.ए. की एक विज्ञप्ति मैंने अखबार में पढ़ी थी जिसमें यह बताया गया था कि डाक्टर्स के पास आने वाले मरीजों को 85% ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनका विधिवत उपचार न भी किया जाये तो वे ठीक हो जाती हैं। उनका कहना ये था कि इस पिच्यासी प्रतिशत वाले वर्ग को यदि मंत्रोपचार के बाद आराम महसूस होगा तो उनमें अंधविश्वास बढ़ेगा, जबकि वे तो वैसे भी ठीक हो जाते भले ही कैसा भी इलाज न करवाया जाता। अब हम तो सबसे सहमत हो ही जाते हैं, इस तर्क से भी हो गये। वैसे भी ये ब्लॉग पर कही गई बात तो थी नहीं कि सुनवाई हो जाती।<br />लेकिन सवाल ये है कि ये बात दिल्ली मैडिकल ऐसोसियेशन ने पहले क्यों नहीं प्रचारित प्रसारित की? आज तक कितनी बार ऐसा हुआ है कि किसी प्राईवेट प्रैक्टीशनर के पास आप गये हों, और उन डाक्टर साहब ने यह कहकर दवा देने से, इलाज करने से या फ़ीस लेने से मना कर दिया हो कि ये कोई बीमारी नहीं है, वैसे ही ठीक हो जायेंगे?<br />मोटी सी बात ये है कि हाईप क्रियेट होगा, तभी कमाई होगी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-85429673725670647872010-10-23T00:25:34.338+05:302010-10-23T00:25:34.338+05:30मुझे भी डेंगू हुआ था तब मैं हौज़ खास स्थित फूलवती ...मुझे भी डेंगू हुआ था तब मैं हौज़ खास स्थित फूलवती जैन अस्पताल में गया जहाँ मेरा इलाज मुफ़्त में हुआ सिर्फ़ ६० रुपये खर्च हुए जो प्लेटलेट्स जाँच के लिए लिया गया था. मेरे एक मित्र को डेंगू हुआ वो यहाँ के एक बड़े प्रायवेट हॉस्पिटल में गया जहा उसे करीब ३५००० रुपये खर्च करने पड़े.प्रायवेट हॉस्पिटल एक व्यवसाय है.Deepak chaubeyhttps://www.blogger.com/profile/14845743567136269530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-13046653239063646962010-10-22T22:54:00.220+05:302010-10-22T22:54:00.220+05:30अगर किसी की बीमारी मामूली हो और गलती से अस्पताल मे...अगर किसी की बीमारी मामूली हो और गलती से अस्पताल में भर्ती करा दिया हो तो वह शर्तिया गंभीर मुसीबत में पड़ जाएगा ! अगर बच गए तो सालों की कमाई वहां देकर ही जान छूटेगी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-18113786431489513002010-10-22T22:47:31.261+05:302010-10-22T22:47:31.261+05:30यह भी एक व्यवसाय है..फाईव स्टार हॉस्पिटलिटी (यह शब...यह भी एक व्यवसाय है..फाईव स्टार हॉस्पिटलिटी (यह शब्द होटेल व्यवसाय के लिए प्रयुक्त होता है)...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-90122081256062899092010-10-22T22:43:24.936+05:302010-10-22T22:43:24.936+05:30Anshumalaji se bilkul sahmat hun! Dono tareeqe ke ...Anshumalaji se bilkul sahmat hun! Dono tareeqe ke ravaiyye galat hain. Dengue me 104/105 kaa bukhar bhee ho sakta hai. Pathological baaten to mai nahee jaantee!Machhar ke katne se dengue hota hai,to gar Malaria beemaree hai to utnee hee dengue bhi ho sakti hai.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-8944207973785434252010-10-22T22:34:13.609+05:302010-10-22T22:34:13.609+05:30पैथोलाजिकल चीजों के बारे में कुछ नहीं कह सकता लेकि...पैथोलाजिकल चीजों के बारे में कुछ नहीं कह सकता लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि कुछ अस्पतालों में तो मरीज रेफर करने वाले झोलाछापों को बिल का चालीस प्रतिशत दिया जाता है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-49427523018597791482010-10-22T22:09:55.858+05:302010-10-22T22:09:55.858+05:30प्लेटलेट्स के बारे में तो कोई डाक्टर ही बता सकता ह...प्लेटलेट्स के बारे में तो कोई डाक्टर ही बता सकता है पर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के रवैये के बारे में कुछ कह सकती हु | सरकारी अस्पताल का सोचना ये होता है की जब तक केस बिल्कूल सीरियस ना हो जाये मरीज मरणासन अवस्था में ना पहुच जाये उसे भर्ती करने के लायक नहीं मानना चाहिए | और प्राइवेट अस्पतालों का रवैया ये होता है की यदि मरीज में १% भी भर्ती होने की संभावना है तो उसे तुरंत अपना ग्राहक बनाना चाहिए | चाहे डेंगू हो या मलेरिया कभी भी उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए मुंबई में अभी फैले मलेरिया में मेरे पड़ोस में तीन लोगों की मौत हो गई जिनको मै पहचानती थी बहुत दुख होता है क्योकि सभी ने इसे मामूली बुखार की तरह ले कर लापरवाही की | सो जान है तो जहान है ऐसे मामलों में तो खुद को लुटता हुआ देखने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.com