tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post3335757146825581423..comments2023-10-31T18:36:02.752+05:30Comments on विचार शून्य: ईश्वर को तो इन्सान बना दिया पर खुद इन्सान नहीं बन पाए.VICHAAR SHOONYAhttp://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-53797888126322398522011-03-21T19:15:35.910+05:302011-03-21T19:15:35.910+05:30.
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दुखद प्रसंग,
सबको सदमति मिले...
....<br />.<br />.<br />दुखद प्रसंग,<br />सबको सदमति मिले...<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-34528874794549912492011-03-17T15:23:56.751+05:302011-03-17T15:23:56.751+05:30सच्चाईयां अभी और भी बाकी है।
निरामिष: शाकाहार : द...सच्चाईयां अभी और भी बाकी है।<br /><br /><a href="http://niraamish.blogspot.com/2011/03/blog-post_17.html" rel="nofollow">निरामिष: शाकाहार : दयालु मानसिकता प्रेरक</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-67509574025922368622011-03-16T20:59:41.796+05:302011-03-16T20:59:41.796+05:30सार्थक चिंतन है भाई आपका. पूरा मामला तो मुझे नहीं ...सार्थक चिंतन है भाई आपका. पूरा मामला तो मुझे नहीं पता पर आपके विचारों से सहमत हूँ.सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-64135198618151785402011-03-16T18:38:05.866+05:302011-03-16T18:38:05.866+05:30इरान, पाकिस्तान में न भूकम्प आते हैं न बाढ़. सावन क...इरान, पाकिस्तान में न भूकम्प आते हैं न बाढ़. सावन के अंधे को हरा हरा ही दिखता है. वे जिस दिन एक धर्म विशेष में प्रवेश लिए थे उसके बाद से सोचने समझने, महसूस करने की क्षमता खो बैठे.उनका भगवान उन्हें क्षमा करे.शायद वही यह काम कर सकता है.<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-607749155632075392011-03-16T10:03:20.281+05:302011-03-16T10:03:20.281+05:30सलीम खान कितने समझदार हैं, इसे उनकी पोस्टें बता चु...सलीम खान कितने समझदार हैं, इसे उनकी पोस्टें बता चुकी हैं, साम्रदायिकता को फैलाना उनका हेतु है और उनका लेखन इसी अर्थ में इसलामी एजेंडे के तहत है| आपने सही लक्षित लिया किया अफ़सोस है कि इस प्रवृत्ति को प्रश्रय देते बड़े ब्लॉगर हैं, इस दृष्टि से समीर जी ने गैरजिम्मेदाराना 'अप्रोच' दिखाया है| दुखद है| <br /><br />लगभग डेढ़ साल पहले जब सलीम को नवोदित ब्लॉगर सम्मान देकर से नवाजा गया था तो मैंने इसका पुरजोर विरोध किया था, वजह सम्मान का विरोध नहीं बल्कि सांप्रदायिकता की वैधता का विरोध था, यह काबिले-अफ़सोस है कि सलीम खान जैसे नकारात्मक सोच वालों को ब्लॉग-जगत पालित-पोषित करता है| इनके द्वारा बनाए संगठनों में स्त्री-पुरुष ऐसे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं जैसे उनकी ब्लागरी की दूकान बिना इस कर्मकांड के नहीं चलेगी|<br /> <br />जापान की इस आपदा पर सलीम खान की टीप उनके अमानवीय चहरे को जाहिर करती है जहां इस्लाम से इतर सब कुछ खराब और आपत्तिजनक लगता है|<br /><br />रचना जी ने जो मांग रखी है उससे सहमत हूँ|<br /><br />आभार!!Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-43470814481698748992011-03-16T07:01:00.978+05:302011-03-16T07:01:00.978+05:30टिप्पणी बेतुकी और निंदनीय है !टिप्पणी बेतुकी और निंदनीय है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-50501757300069152372011-03-16T00:55:53.893+05:302011-03-16T00:55:53.893+05:30मुझे इस संदर्भ में बस इतना ही कहना है कि अल्लाह ,भ...मुझे इस संदर्भ में बस इतना ही कहना है कि अल्लाह ,भगवान (हम जिस भी नाम से पुकारें) <br />कोई अहंकारी मनुष्य नहीं कि वो हम से बदला लेगा हम उस की संतानें हैं और माता पिता के लिये सब बच्चे बराबर होते हैं <br />इस इतनी बड़ी त्रास्दी के समय जब कि पूरी दुनिया हिल कर रह गई है ,ये "दो वाक्य" पूरी मानवता पर घातक प्रहार हैं <br />जो लोग अब इस संसार में नहीं उन को मेरी श्रद्धांजलि और जो लोग इस से प्रभावित हैं उन के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है<br />और ये दुआ है कि अल्लाह उन्हें इसे सहन करने की शक्ति दे और बेशक अल्लाह उन पर रहम करेगा (आमीन)इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-65395882180033758312011-03-15T22:39:27.800+05:302011-03-15T22:39:27.800+05:30प्रेमचंद ने कहा था कि - बुद्धि की मंदता बहुधा साम...प्रेमचंद ने कहा था कि - <b> बुद्धि की मंदता बहुधा सामाजिक अनुदारता के रूप में प्रकट होती है </b><br /><br /> और यही बात शब्दश: सच हुई इस प्रकरण को देख कर जब किसी हादसे पर धर्म का नाम लेकर टिटकारी मारी गई।<br /><br /> मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को मनुष्य कहलाने का भी हक नहीं है क्योंकि ये इंसान की खाल में ऐसे भेड़िए हैं जो कि इंसानियत को शर्मसार करते हैं, धर्म का नाम लेकर अपनी दकियानुसी बातों का प्रचार करते हैं। उम्मीद करता हूं कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि मिलेगी और कुछ सार्थक सोचेंगे।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-75859120426597030142011-03-15T21:26:23.049+05:302011-03-15T21:26:23.049+05:30सलीम की जगह समीर खान आप अपनी टिप्पणी में लिख गये ह...सलीम की जगह समीर खान आप अपनी टिप्पणी में लिख गये हैं.<br />समीर लाल जी ने टिप्पणी प्रकाशित कर ठीक ही किया. सलीम खान की वैचारिक स्थिति तो पता चली..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-55186161661662251382011-03-15T21:22:33.082+05:302011-03-15T21:22:33.082+05:30समीर नहीं सलीम खान ने हर जगह यही टिप्पणी की है. अच...समीर नहीं सलीम खान ने हर जगह यही टिप्पणी की है. अच्छा किया समीर जी ने इसे प्रकाशित कर, वरना पता ही नहीं चल पाता इन लोगों की मानसिकता के बारे में. जरा इन सलीम से पूछिये कि महाराष्ट्र और पूरे देश में आये भूकम्प में मुस्लिम भी मारे गये थे, उन्होंने किस इस्लाम को प्रतिबन्धित किया था.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-32249050437737937862011-03-15T21:11:28.572+05:302011-03-15T21:11:28.572+05:30आदरणीय समीर लाल जी जो को टिप्पणियों की संख्या गिनन...आदरणीय समीर लाल जी जो को टिप्पणियों की संख्या गिनने से और टिप्पणियाँ करने और ब्लॉग लिखने से फुर्सत मिले तब न -ये कड़ी बात क्षमा याचना के साथ कह रहा हूँ -वे इस टिप्पणी को कैसे प्रकाशित कर गए ?<br />अभी भी वक्त है उसे मिटायें -और जो नराधम मानव लाशों पर मजहब की रोटियां सेक रहा है उसका सामूहिक बहिष्कार हो!<br />जापान के हादसे ने मुझे गहरे तक हिला दिया है और इन पाजियों का यह तर्क है -!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-3519254094432424362011-03-15T21:04:19.664+05:302011-03-15T21:04:19.664+05:30गधों की बात मत किया करिए यहाँ मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ ...गधों की बात मत किया करिए यहाँ मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-14182096155574758682011-03-15T20:23:16.090+05:302011-03-15T20:23:16.090+05:30मैं सुबह थोडा उत्तेजित था. मेरे बड़े भाई कहते हैं ...मैं सुबह थोडा उत्तेजित था. मेरे बड़े भाई कहते हैं की मैं टीन की तरह हूँ . जितनी शीघ्रता से गरम होता हूँ उतनी शीघ्रता से ही ठंडा भी हो जाता हूँ. उन्होंने हमेशा से मुझे लोहे की तरह बनाने को कहा जो देर से गरम होता है और जब गरम हो ही जाता है तो जल्दी से ठंडा नहीं होता. <br /><br />खैर मैं टीन ही रहा. सुबह अचानक मेरा पारा ऊपर चढ़ गया और अब माइनस में चल रहा है. <br /><br /><br /><br />मुझे समीर खान जी से कोई शिकायत नहीं उन्होंने आपने स्वाभाव के अनुरूप ही कार्य किया पर समीर लाल जी जो की ब्लॉग जगत के सुपर स्टार हैं उन्होंने जब समीर खान की टिपण्णी को प्रकाशित किया तो मुझे बुरा लगा की एक व्यक्ति जो हमेशा से इन विवादों से अपना दमन पाक साफ रखता आया वो कैसे अपने ब्लॉग पर ऐसे विचारों को स्थान दे रहा है. <br /><br /><br /><br />समीर लाल जी के ब्लॉग पर टिपण्णी के बाद साफ़ साफ़ लिखा आता है की ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति के बाद ही टिपण्णी दिखाई देगी. इसका मतलब है की समीर खान जी की टिपण्णी को समीर लाल जी की स्वीकृति प्राप्त है.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-59273144656103908352011-03-15T20:02:12.361+05:302011-03-15T20:02:12.361+05:30संजय जी,
हा!हा!
इस्लामी देश और जिसे अल्लाह का घर ...संजय जी,<br />हा!हा!<br /><br />इस्लामी देश और जिसे अल्लाह का घर कहते है उस मक्का में हज़यात्रा के दौरान लगभग प्रतिवर्ष कभी सुरंग में दम घुटने से, कभी आग से तो कभी भगदड़ में हजारों हज़यात्री बली चढ जाते है।<br /><br />वे सभी मानव थे हमारी उनके प्रति भी सहानुभुति है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-68114200941548663632011-03-15T18:58:37.811+05:302011-03-15T18:58:37.811+05:30शायद इसीलिये किसी इस्लामी देश में आज तक कोई प्राकृ...शायद इसीलिये किसी इस्लामी देश में आज तक कोई प्राकृतिक, मानवीय आपदा नहीं आई।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-46065402221699657962011-03-15T17:25:58.766+05:302011-03-15T17:25:58.766+05:30इस्लाम का प्रचार करने वाले गंदे कीड़े क्या जानें कि...इस्लाम का प्रचार करने वाले गंदे कीड़े क्या जानें कि जापान क्या है और वहाँ के लोग किस मिट्टी के बने हैं…।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-69088473533686503442011-03-15T17:24:25.412+05:302011-03-15T17:24:25.412+05:30@ ईश्वर को तो इन्सान बना दिया पर खुद इन्सान नहीं ब...@ ईश्वर को तो इन्सान बना दिया पर खुद इन्सान नहीं बन पाए.<br /><br /> बिलकुल सही कहा की ईश्वर को ईश्वर कहने के बाद भी उनसे इंसानों वाली सोच की उम्मीद करते है उसे इन्सान से ऊपर उठ कर ईश्वर नहीं बनने देते है भगवान को भी अपने जैसा घटिया सोच वाला इन्सान ही समझ लेते है | <br /><br /> वैसे मुझे लगता है की उन्होंने ये जानबूझ कर ऐसा किया है ताकि उनकी चर्चा हो वो पहले भी कई बार ऐसे काम कर चुके है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-70420892809026506892011-03-15T17:13:11.514+05:302011-03-15T17:13:11.514+05:30कल के आपके लेख में आए 'मांसाहार से क्रूरता'...कल के आपके लेख में आए 'मांसाहार से क्रूरता' के लिये आज का यह प्रसंग एक उद्दरण बन सकता है।<br /><br />"मांसाहार जैसे हिंसक कर्म के समर्थक में सम्वेदनाएं नहीं होती और क्रूरता प्रकट होती रहती है"सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-13860335528585889112011-03-15T16:49:29.205+05:302011-03-15T16:49:29.205+05:30सबसे पहले आप की इस पोस्ट के लिये आप को धन्यवाद . क...सबसे पहले आप की इस पोस्ट के लिये आप को धन्यवाद . कल से उनकी ये टिपण्णी जगह जगह दिख रही हैं . क्युकी जापान से जुड़ी हूँ व्यवसाय को ले कर सो वहाँ से भावनात्मक लगाव भी . वहाँ के लोगो को बहुत समझा हैं . और पाया हैं की वो किसी भी धर्म के अनुयायी नहीं हैं . पूरे समय मै केवल "जापानी " के मरने की खबर आ रही हैं किसी धर्म के अनुयायी की नहीं .<br /><br />कल जब ये टिपण्णी देखी तो पोस्ट लिखने का मन हुआ फिर मैने आक थू कह कर इत्ती कर ली .<br />आज इनकी पोस्ट भी दिख गयी . ये इस्लाम को समझते नहीं बस उसके प्रचारक बने फिरते हैं<br /><br />इन जैसो को लोग नवोदित ब्लोगर सम्मान से सम्मानित करते है जो करते हैं उनको एक बार जरुर सोचना चाहिये .<br /><br />मेरा सबसे आग्रह हैं की उस टिपण्णी को अपने अपने ब्लॉग से हटा दे .<br />दूसरो के दुःख मै जो खडा नहीं होता और संवेदन नहीं होता जिसको भी वो इंसान ही नहीं जानवर कहलाने के भी लायक नहीं हैं क्युकी जानवर भी इनसे ज्यादा संवेदन शील होते हैं <br />ऐसी सोच वाले व्यक्ति के लिये मेरी तरफ से चार जूते <br /><br />मै हमारीवानी के मार्गदर्शको को कुछ दिन पहले भी email लिख चुकी हूँ की इनके ब्लॉग को हटा दिया जाए . अभी तक कार्यवाही नहीं हुई हैं . लगता हैं मार्गदर्शक , मार्ग के दर्शक मात्र रह गये हैं हमारी वाणी पर . <br /><br />आप सब से आग्रह हैं सम्मिलित रूप से ईमेल दे कर इनके ब्लॉग को हटवाये<br />मार्गदर्शको के नाम हैं दिनेश द्विवदी जी , समीर लाल जी , सतीश सक्सेना जी , खुशदीप जीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-43123845461193007822011-03-15T16:29:52.136+05:302011-03-15T16:29:52.136+05:30मृत्यु चाहे किसी की भी हो... मनुष्यता/इंसानियत इसी...मृत्यु चाहे किसी की भी हो... मनुष्यता/इंसानियत इसी में है कि वह शोक स्थितियों में शोकाकुल हो.<br /><br />'थू' में जुकाम वाला बलगम और मिला दें...... घृणा को सही से व्यक्त करेगा.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-52227397120115974882011-03-15T14:17:58.883+05:302011-03-15T14:17:58.883+05:30यह कहावत है कि भगवान सबसे अधिक परीक्षा सज्ज्ान ल...यह कहावत है कि भगवान सबसे अधिक परीक्षा सज्ज्ान लोगों की ही लेता है दुर्जनों को तो वह परीक्षा के लायक भी नहीं समझता।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-54292612235510155212011-03-15T13:45:13.164+05:302011-03-15T13:45:13.164+05:30दीप जी,
आपका पिछला आलेख 'मांसाहार या शाकाहार&...दीप जी,<br /><br />आपका पिछला आलेख 'मांसाहार या शाकाहार'आप यहां देख सकते है।<br /><br />‘विचार-शून्य’ का निष्पक्ष निर्पेक्ष ‘विचार-मंथन’<br />http://niraamish.blogspot.com/2011/03/blog-post_15.htmlसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-13823162797090652382011-03-15T11:55:01.940+05:302011-03-15T11:55:01.940+05:30@ईश्वर एक व्यवस्था है जिसे हमने एक इंसानी अस्तित्व...@ईश्वर एक व्यवस्था है जिसे हमने एक इंसानी अस्तित्व प्रदान कर दिया है.<br />दीप पाण्डेय जी,<br /> <br />100% सहमत!!<br />वास्तव में वह एक कुदरती सिस्टम की तरह एक सिस्टम है सत्ता है, जिसकी नियमावली में निर्धारित फल सिस्टम है। इसीलिये उसे परम-सत्ता या परम-सत्य कहा जाता है।<br />और ऐसे लोगों नें उसे पक्षपाती स्वार्थी निरूपित कर मामूली इन्सान से भी बदतर बनाने का प्रयास किया है। उस न्यायपूर्ण सिस्टम को सामुहिक हत्या का दोषी करार देनें का घृणित कार्य है।<br />लोगों को भयाक्रांत करके किसी विचारधारा पर आस्थावान नहीं किया जा सकता। लेकिन दुखद है कि ऐसी सोच भी अस्तित्व में है।<br /><b>मवाद अपने स्रोत से बाहर आ रिसने लगा है।</b>सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-79481148552250239662011-03-15T11:13:22.155+05:302011-03-15T11:13:22.155+05:30अपनी मानसिकता को प्रचारित करते ऐसे कमेन्ट, सहअस्ति...अपनी मानसिकता को प्रचारित करते ऐसे कमेन्ट, सहअस्तित्व की , मानवता की, खिल्ली उड़ा रहे हैं यकीनन यह इंसानियत के खिलाफ हैं !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-39823767368807285922011-03-15T10:23:56.364+05:302011-03-15T10:23:56.364+05:30खुदा भी आस्माँ से जब ज़मीं पर देखता होगा ... इस **...खुदा भी आस्माँ से जब ज़मीं पर देखता होगा ... इस *** को किसने बनाया सोचता होगा ... <br /><br />किस किस्म का इंसान हज़ारों बेगुनाहों की अकाल मृत्यु का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिये करेगा और किस किस्म का इंसान ऐसी बेहूदा बात को सीरियसली लेगा?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com