tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post2933611455659124748..comments2023-10-31T18:36:02.752+05:30Comments on विचार शून्य: नरेंदर सिंह नेगी जी का एक गढ़वाली गीत.VICHAAR SHOONYAhttp://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-69198375931320075122012-03-05T17:37:51.627+05:302012-03-05T17:37:51.627+05:30Sadhi bat ch geet ka andar :)Sadhi bat ch geet ka andar :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03397229399368325536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-7840710312419792002010-07-15T15:23:41.812+05:302010-07-15T15:23:41.812+05:30bahut accha likha hai...hum bhi pahaad ghum liye.
...bahut accha likha hai...hum bhi pahaad ghum liye.<br /><br />garhwali gana bahut acchha laga..Thanks.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-60682427606617044262010-07-14T20:27:23.006+05:302010-07-14T20:27:23.006+05:30बहुत खूब व्यक्त किया है आपने कमाने के लिए पलायन ( ...बहुत खूब व्यक्त किया है आपने कमाने के लिए पलायन ( दिसावर ) करने वालों ओर उनके परिजनों के दर्द को.......................... गीत का चयन भी अच्छा रहा................नरेश सिह राठौड़ जी का ब्लॉग है मेरी शेखावटी उसमें उन्होंने इसी दर्द को व्यक्त करती काव्य श्रंखला "दरद दिसावर" पोस्ट की थी, एक बार पढियेगा जरूर >>>>>>>>>>>>><br />http://myshekhawati.blogspot.com/2009/06/sekhawatis-famous-poet-shri-bhagirath.html<br />http://myshekhawati.blogspot.com/2009/07/2-dard-disawar-part-2wrote-by-shri.html<br />http://myshekhawati.blogspot.com/2009/07/3-dard-disawar-part-3-wrote-by-shri.html<br />http://myshekhawati.blogspot.com/2009/08/4-dard-disawar-part-4-last-wrote-by.htmlAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-75319717317358471592010-07-13T08:54:00.954+05:302010-07-13T08:54:00.954+05:30बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभका...बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/07/4_13.html" rel="nofollow">आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं</a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-9345593839855956082010-07-12T05:09:52.841+05:302010-07-12T05:09:52.841+05:30@पाण्डेय जी
मैं तो आजकल समय मिलते ही पाठक बनने का...@पाण्डेय जी<br />मैं तो आजकल समय मिलते ही पाठक बनने का पूरा सुख ले रहा हूँ और आज तो किस्मत से पढने के साथ साथ देखने और सुनने को भी मिल गया , ये नया प्रयोग भी अच्छा लगा ....<br />अगर गीत की बात करें तो पहले कुछ पलों में लगा की समझ में नहीं आएगा पर बीच में आते आते मन भाषाओं की दीवारें लांघ कर भाव को समझने लग गया था ( आंख और कान दोनों ट्रांसलेटर जो बने थे ) .....<br />गीत तो अच्छा और भावुक कर देने वाला है ही पर यहाँ दोनों कलाकारों के अभिनय को भी इसका पूरा श्रेय दूंगा<br />ये देख कर राजस्थानी जीवन शैली पर बनी फिल्म " पहेली " के एक गीत की याद ताजा हो गयी ( इसके एक गीत में पुरुष की विरह वेदना को दिखाया है )<br />बोल हैं "खाली है तेरे बिना दोनों अंखिया "एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-35195826121759254092010-07-12T04:28:26.950+05:302010-07-12T04:28:26.950+05:30नौकरी की तलाश में पर्देस गमन एक बडी आर्थिक सामाजिक...नौकरी की तलाश में पर्देस गमन एक बडी आर्थिक सामाजिक समस्या है. मगर "जाके कभी न पडी बिवाई, सो का जाने..." <br />सुन्दर गीत. <br /><b>अगर इतना ही शौक है तो वहीँ किसी पहाड़ की कन्दरा में समाधिस्त हो जाओ....</b><br />डाय्लोग पसन्द आया. एक तो सलाह वह भी मुफ्त, क्या कहने!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-24591353683704369892010-07-11T22:28:34.866+05:302010-07-11T22:28:34.866+05:30geet kaafi dard bharaa thaa. aansu aanaa swaabhaav...geet kaafi dard bharaa thaa. aansu aanaa swaabhaavik hai.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-85709601975740508992010-07-11T22:22:50.099+05:302010-07-11T22:22:50.099+05:30लौट के आ गए मेरे मीत.
सुन लूँगा गडवाली गीत.
मुझे ...लौट के आ गए मेरे मीत.<br />सुन लूँगा गडवाली गीत. <br />मुझे भी इस बारिश में <br />पसंद आयी अश्रु-ग्रंथि साफ़ करने की रीत.<br /><br />अब करते रहना बातचीत. <br />सो मत जाना खोलकर मोटर <br />नहीं तो बहेगा पानी<br />बिजली-बिल जाएगा इस महीने जीत.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-88304216842662090172010-07-11T15:33:49.813+05:302010-07-11T15:33:49.813+05:30नरेन्द्र सिंह नेगी के इस मधुर गीत के बहाने आपने पह...नरेन्द्र सिंह नेगी के इस मधुर गीत के बहाने आपने पहाड़ों की याद ताजा कर दी.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-88038799097934652352010-07-11T15:06:03.979+05:302010-07-11T15:06:03.979+05:30मुज़फ्फर अली की फिल्म गमन यही व्यथा बयान करती है......मुज़फ्फर अली की फिल्म गमन यही व्यथा बयान करती है...और विश्वास करें, हर उस प्रांत में,जहाँ रोज़गार के साधनों का अभाव है,यह हर घर की कहानी है...इस गीत की भाषा भले ही गढवाली हो, विरह की व्यथा भारतीय है...ऐसे ही गीत भोजपुरी भाषा में भी हैं...पुनरागमन पर स्वागत.सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-6538963573470668922010-07-11T13:44:11.144+05:302010-07-11T13:44:11.144+05:30बन्धु,
"कोई बात नहीं चुप चाप सुन लेता हूँ&quo...बन्धु,<br />"कोई बात नहीं चुप चाप सुन लेता हूँ", चुपचाप सुनने वाले हो तो नहीं:)<br /><br />जड़ों से दूर आदमी जब कभी कभार अपनी जड़ों तक पहुंचता है तो मन बहुत बदल जाता है। समझ सकता हूं तुम्हारे मन की हालत। इन लोकगीतों के माध्यम से कितनी वेदनायें, कितने संदेश और कितनी भावनायें जाहिर होती हैं, गिनती करना मुश्किल है।<br />पेट की आग क्या-क्या नहीं करवाती?<br />पोस्ट हमेशा की तरह शानदार। यार, कोई टिप्स हमें भी बता दो कम शब्दों में अपनी बात कहने की, मैं बहुत मिस करता हूं ये स्टाईल।<br />आभारी रहूंगा।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419007131331261482.post-72278851398839476432010-07-11T12:28:34.098+05:302010-07-11T12:28:34.098+05:30आपका आभार !आपका आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com